“ गीत ”
ज़िंदगी एक गीत है ,
इसे प्यार से गुनगुना लो !
ग़मों के बादल भी छाए ,
तो ज़रा-सा मुस्कुरा लो !
साँसों की सरगम पे ,
एक नया गीत तुम बना लो !
अगर तुम्हें मिले न प्रीत कोई ,
तो इसे तुम मन का मीत बना लो !
ज़िंदगी के कोरे पन्नों पर ,
एक मधुर संगीत सजा लो !
आशा की किरणें बरसा कर ,
इसे तुम रोशनी से जगमगा लो !
अपने दामन में तुम ,
खुशियों का चमन बसा लो !
बेशकीमती है ये ज़िंदगी ,
इसे तुम गीतों से सजा लो !
- सोनल पंवार
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क्या खूब लिखा है ...अच्छे विचारों के लिए आभार
ReplyDeleteमेरी कलम - मेरी अभिव्यक्ति
nice poem
ReplyDeletehttp://ashokvichar.blogspot.com
बहुत बढिया कविता.
ReplyDeleteसकारात्मक भाव की रचना। लिखते रहें।
ReplyDeleteसादर
श्यामल सुमन
09955373288
www.manoramsuman.blogspot.com
shyamalsuman@gmail.com
क्या बात है, बेहतरीन!!
ReplyDeleteज़िंदगी एक गीत है ,
ReplyDeleteइसे प्यार से गुनगुना लो !
क्या बात है !!