“ माँ का दिल “
माँ का दिल
क्या कहूं मैं इसे ?
कोमल-सी ममता
या प्यार का एक दरिया ,
ममता की छाँव
या प्यारी-सी एक दुनिया ,
स्नेह का भंडार
या एक मृदुल संसार ,
भोली-सी सूरत
या प्यार की एक मूरत ,
क्षमा का दर्पण
या फिर भगवान का एक वरदान !
माँ का दिल
क्या कहूं मैं इसे ?
– सोनल पंवार
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शब्दों में वो शक्ति कहाँ कि माँ के दिल को अभिव्यक्त कर पायें.
ReplyDeletejitne shabd use kare utne kam hai maa ki paribhasha anant hai.
ReplyDeletesuch me baht acha likha hai aapne
ReplyDeletejab bhi padti hun ankh bhar aati hai
kyoki mai abhi study k liy apne ghar se door hun
to apne ghar aur apni shataniyoo ko bahut miss
karti hun