‘पिता’
अस्तित्त्व को हमारे
जो एक नई पहचान दें
वो नाम है पिता,
ख़्वाहिशों को हमारी
जो उन्मुक्त परवाज़ दें
वो मनोबल है पिता,
पथरीली राहों को हमारी
जो बना दें गुलज़ार
वो बाग़बान है पिता,
कठिन समय में हमारे
बनकर साया जो दें साथ
वो आसमान है पिता,
पास हो चाहे हो दूर हमसे
आशीष बन जो हर पल रहें साथ
वो परछाई है पिता,
धैर्य, सहनशीलता,
त्याग और आदर्श
इन सभी गुणों की
जो है सार्थक पहचान
वो महान शख्सियत है ‘पिता’ ।
- सोनल पंवार
अस्तित्त्व को हमारे
जो एक नई पहचान दें
वो नाम है पिता,
ख़्वाहिशों को हमारी
जो उन्मुक्त परवाज़ दें
वो मनोबल है पिता,
पथरीली राहों को हमारी
जो बना दें गुलज़ार
वो बाग़बान है पिता,
कठिन समय में हमारे
बनकर साया जो दें साथ
वो आसमान है पिता,
पास हो चाहे हो दूर हमसे
आशीष बन जो हर पल रहें साथ
वो परछाई है पिता,
धैर्य, सहनशीलता,
त्याग और आदर्श
इन सभी गुणों की
जो है सार्थक पहचान
वो महान शख्सियत है ‘पिता’ ।
- सोनल पंवार