Tuesday, January 25, 2011

' यादें '

' यादें '
ज़िन्दगी के रंगीन पन्नों को
यादों की शबनम में भिगोना है मुझे ,
यादों के हर एक पल को
अपनी आँखों में संजोना है मुझे ,
बीत जाए ना ये ज़िन्दगी
वक़्त की आग़ोश में ,
वक़्त को हाथों में समेटकर
खुद को यादों के समंदर में डुबोना है मुझे !
- सोनल पंवार

1 comment: