Monday, July 13, 2009

माँ का दिल

“ माँ का दिल “

माँ का दिल
क्या कहूं मैं इसे ?
कोमल-सी ममता
या प्यार का एक दरिया ,
ममता की छाँव
या प्यारी-सी एक दुनिया ,
स्नेह का भंडार
या एक मृदुल संसार ,
भोली-सी सूरत
या प्यार की एक मूरत ,
क्षमा का दर्पण
या फिर भगवान का एक वरदान !
माँ का दिल
क्या कहूं मैं इसे ?

– सोनल पंवार

3 comments:

  1. शब्दों में वो शक्ति कहाँ कि माँ के दिल को अभिव्यक्त कर पायें.

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  2. jitne shabd use kare utne kam hai maa ki paribhasha anant hai.

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  3. such me baht acha likha hai aapne
    jab bhi padti hun ankh bhar aati hai
    kyoki mai abhi study k liy apne ghar se door hun
    to apne ghar aur apni shataniyoo ko bahut miss
    karti hun

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