Thursday, July 23, 2009

' माता-पिता'

[ “माता-पिता” कविता मेरी वो पहली कविता है , जिसे मैंने अपने पापा-मम्मी को उनकी marriage anniversary पर तोहफे के रूप में दी थी !आशा करती हूँ कि आप सभी को मेरी यह कविता अच्छी लगेगी ! ]

” माता-पिता ”

माता-पिता ,
ईश्वर की वो सौगात है ,
जो हमारे जीवन की अमृतधार है !
आपसे ही हमारी एक पहचान है ,
वरना हम तो इस दुनिया से अनजान थे !
आपके आदर्शों पर चलकर ही ,
हर मुश्किल का डटकर सामना करना सीखा है हमने !
आपने ही तो इस जीवन की दहलीज़ पर हमें ,
अंगुली थामे चलना और आगे बढ़ना सिखाया है ,
वरना एक कदम भी न चल पाने से हम हैरान थे !
आपके प्यार और विश्वास ने काबिल बनाया है हमें ,
जीवन के हर मोड पर आज़माया है हमें ,
वरना हम तो जीवन की कसौटियों से परेशान थे !
आपने हमेशा हर कदम पर सही राह दिखायी है हमें ,
अच्छे और बुरे की पहचान करायी है हमें !
आपने दिया है जीवन का ये नायाब तोहफा हमें ,
जिसे भुला पाना भी हमारे लिए मुश्किल है !
आपकी परवरिश ने ही दी है नेक राह हमें ,
वरना हम तो इस नेक राह के काबिल न थे !
आपसे ही हमारे जीवन की शुरुआत है ,
आपसे ही हमारी खुशियाँ और आबाद है ,
आप ही हमारे जीवन का आधार है ,
आप से हैं हम ,
और आप से ही ये सारा जहांन है !

- सोनल पंवार
(spsenoritasp@gmail.com)
(http://princhhi.blogspot.com)

4 comments:

  1. बहुत सुन्दर पूरे समर्पण भाव से रची गई रचना. शब्दों में जितनी ताकत बन पड़ती है वो दिख रही है.वैसे यह भाव शब्द में बाँधना यूँ संभव ही नहीं.

    आपके प्रयास को बधाई.

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  2. वैसे एक ही रचना को तीन तीन जगह से छापने का उद्देश्य-जरा बतायें-हमें तो समझ नहीं आया!!

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  3. बहुत सुंदर रचना. बधाई

    रामराम.

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  4. kitne sunder vichar hai
    mata pita ke bare mai aajkal kam log hi itna achchha sochte hai

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