Friday, September 2, 2011

' सुनहरी शाम '

’ सुनहरी शाम ‘

बीते लम्हें,बीते पल,बीती बातें ,
एक दिन यूँ ही याद बन जाएगी !
जीवन की ये सुनहरी शाम ,
एक दिन यूँ ही ढल जाएगी !

न होंगे पास अपने ,
न होंगे अनगिनत सपने ,
रिश्तों की तब न आहट होगी ,
जीवन की ये सुनहरी शाम ,
एक दिन यूँ ही ढल जाएगी !

न होगा ज़िन्दगी से कोई शिकवा ,
न होगी कोई शिकायत ,
वक़्त के हाथों मिलेगी सिर्फ बेबसी ,
न होगी ज़िन्दगी में कोई ज़रूरत ,
किस्मत से तब न कोई ज़िरह होगी ,
जीवन की ये सुनहरी शाम ,
एक दिन यूँ ही ढल जाएगी !

न मिलेगा साथ अपनों का ,
न मिलेगा प्यार अपनों का ,
रिश्तों के नाम पर केवल तन्हाई होगी ,
जीवन की ये सुनहरी शाम ,
एक दिन यूँ ही ढल जाएगी !

- सोनल पंवार

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