Sunday, March 8, 2009

" बेटियां "

HAPPY WOMAN’S DAY
” बेटियां “
कोमल-सी टहनी होती है किसी वृक्ष की ,

मगर इरादा तने-सा सख्त रखती है बेटियां !
मुस्कुराहट से अपनी महकाती है घर को ,
ऐसी प्यार भरी पाती होती है बेटियां !
ख़ुशी और गम का हर रिश्ता निभाती है वो ,
रिश्तों को एक माला में पिरोती है बेटियां !
आज भी बेटी को बोझ समझते है कुछ लोग ,
लेकिन बेटों से कम नहीं होती है बेटियां !

1 comment:

  1. बहुत सुंदर बात कही है आपने ...
    समय आ गया है कि बेटियों को एक नए नजरिए से देखा जाए..
    -पृथ्‍वी

    http://kankad.wordpress.com/2009/04/18/बेटियां/

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